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बिहार विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र | Bihar Marriage Certificate ऐसे करें ऑनलाइन आवेदन , मिलेगा सहायता राशि

By Zeeshan Arif

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विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र सरकार द्वारा विशेष विवाह के तहत नागरिक को प्रदान किया जाता है। यह प्रमाणपत्र आवेदक को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए पात्र

विवाह पंजीयन अनिवार्य

विवाह का पंजीयन संसद द्वारा वर्ष 2005 द्वारा पारित बिल के आधार पर किया जाता है। यह बिल महिला राष्ट्रीय आयोग ने महिलाओ के हितार्थ को ड्राफ्ट किया है। इस बिल के दो मुख्य उदेश्य हैं। पहला उदेश्य बाल विवाह को रोकना और पति की मृत्यु के बाद पत्नी को उसके अधिकार दिलाना। इन उदेश्यों में यह बिल काफी हद तक सफल रहा है। बिल के प्रभावी होने के बाद के सभी विवाहों का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इसका अर्थ यह है कि 2005 और उसके बाद के सभी विवाहों का पंजीयन अनिवार्य है। ऐसे विवाहों को विलम्ब शुल्क से छूट दी गयी है।

पंजीयन अवधि
इस बिल के अनुसार विवाह की तारीख से 30 दिन के अंदर विवाह का पंजीयन करना अनिवार्य है, यदि कोई व्यक्ति इस समय सीमा में विवाह का पंजीयन नहीं कराता है तब उस पर 500 रुपये का अर्थ दंड आरोपित किया जा सकता है और प्रत्येक दिन के विलम्ब के लिए 2रुपये विलम्ब शुल्क वसूल किया जाएगा। राज्य सरकार विवाह पंजीयन अधिकारी को नियुक्त करेगा।

विवाह पंजीयन अधिकारी
किसी भी राज्य सरकार ने विवाह पंजीयन के लिए कोई पृथक कार्यालय और विवाह पंजीयन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। राज्य के नगर निगमों/नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों को विवाह पंजीयन के उत्तरदायी बनाया है और इन संस्थाओं के प्रमुखों को विवाह पंजीयक का उतरदायित्व सौपा है। संक्षेप में नगरीय और ग्रामीण निकायों के द्वारा विवाह पंजीयन का कार्य किया जाता है। इसीलिए विवाह पंजीयन के लिए इन्ही संस्थाओं में निर्धारित प्रपत्र में विवाह पंजीयन के लिये आवेदन किया जाता है।

विवाह पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • निवास का पता:  आधार कार्ड, के स्वप्रमाणित प्रति आवेदन प्रपत्र के साथ संलग्न किये जा सकते हैं।
  • जन्म प्रमाण पत्र : नवदम्पति को अपने अपने जन्म प्रमाण पत्र की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करना है। इस प्रमाण पत्र से पंजीयक यह सुनिश्चित करता है कि पत्नी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है और पति की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक है। विवाह पंजीयन के लिए यह आयु बिल में निर्धारित है। यदि निर्धारित आयु से पति या पत्नी की आयु कम होने पर पंजीयक विवाह पंजीयन करने से मना कर देगा और यह प्रकरण सक्षम अधिकारी को भेजेगा, सक्षम अधिकारी ऐसा प्रकरण प्राप्त होते ही इस कार्यवाही शुरू करेगा। दोषी व्यक्ति न्यायालय से दण्डित करायेगा।
  • पति और पत्नी के पासपोर्ट साईज के फोटो: ये फोटो आवेदन पत्र में निर्धारित स्थान पर पेस्ट की जाती है।
  • शादी की घटना के समय की फोटो: आवेदन प्रपत्र के साथ शादी की एक फोटो सलग्न करना आवश्यक है। इसके वरमाला डालने वाली फोटो प्रासंगिक फोटो हो सकती हैं।
  • पत्नी या पति में से कोई विधवा या विधुर है तब उन्हें अपने पूर्व पति या पत्नी के मृत्यु प्रमाण पत्र की स्व प्रमाणित प्रति आवेदन के साथ संलग्न करनी होती है।
  • पत्नी या पति में कोई तलाक शुदा है तब उन्हें सक्षम न्यायालय की तलाक की डिक्री आवेदन के प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  • आवेदन प्रपत्र में दो गवाहों के हस्ताक्षर और उनके पते दिया जाना आवश्यक है।
  • पत्नी या पति में से कोई सिख जैन या बौध नहीं है तब उसे अपने धर्म का प्रमाण आवेदन के साथ दिया जाना अनिवार्य है।
  • पति या पत्नी में से कोई विदेशी है तब उन्हें उस देश की हाई कमिश्नर की अनापत्ति प्रमाण पत्र आवेदन प्रपत्र के साथ प्रस्तुत करना बंधन कारक है।
  • पति और पत्नी के एफेडेविट भी आवेदन के साथ संलग्न होंगे। एफिडेविट का फार्मेट पंजीयक के कार्यालय में उपलब्ध रहता है।


पंजीयक पंजीयन शुल्क के दम्पति से मात्र रु 100 की राशि फ़ीस के रूप में प्राप्त करेगा।

इस प्रमाण पत्र के लाभ

  • यह प्रमाण पत्र पति पत्नी के सबंध को प्रमाणित करता है।
  • पति या पति का पासपोर्ट बनाने के सहायक है।
  • यदि पति किसी दुसरे देश का नागरिक तब पत्नी को इस देश की नागरिकता दिलाता है।
  • पति की मृत्यु के बाद पत्नी को उसके अधिकार दिलाने में सहायक है।
  • यदि विवाह के बाद पत्नी का नाम बदला गया है तब पत्नी अपने सारे अभिलेखों में अपने नाम को इस प्रमाण पत्र की सहायता से दर्ज करा सकती है।
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Zeeshan Arif

Zeeshan Arif is a passionate blogger with a deep interest in providing the latest information on jobs, education, scholarships, and government schemes. His mission is to empower his readers with the knowledge they need to achieve their goals and lead fulfilling lives.

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